युक्ति
>> Monday, September 6, 2010
थोड़ी देर में उसने फिर ठोकर मारी तो शायद वृद्ध उसके मनोभाव को समझ गया था, लेकिन उसने कहा कुछ नहीं, शायद वृद्ध ने उस लड़के को सबक सिखाने का मन बना लिया था।
तीसरी बार जब उस शरारती लड़के ने वृद्ध को ठोकर मारी तो वृद्ध न उस लड़के की टांग अपने हाथों में लेकर कहा-'बेटे, शायद तेरी टांग दर्द कर रही है, तभी तू बार-बार मुझे ठोकर मार रहा है। ला, तेरी टांग दबा दूं, दर्द में आराम मिलेगा।'
उस वृद्ध के इतना कहते ही उस लड़के पर घड़ों पानी पड़ गया। वह एकदम शान्त बैठा रहा। यहां तक वृद्ध की ओर आंख उठाकर भी नहीं देखा। मैं वृद्ध की युक्ति देखकर मन ही मन मुस्करा पड़ी।
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